Rajasthan Agriculture Supervisor Syllabus 2023 in Hindi PDF
RSMSSB Agriculture Supervisor Posts is a golden opportunity to make a meaningful impact in the agriculture sector. The application process for this prestigious role will start as per the instructions of the board, the entire process will be conducted online. Interested candidates can stay updated on RSMSSB Exam Dates by visiting the official website. Agriculture Supervisor Latest Syllabus, Rajasthan Agriculture Supervisor Syllabus 2023, RSMSSB Agriculture Supervisor Syllabus, Agriculture Supervisor Vacancy 2023, Agriculture Supervisor Recruitment 2023.
To be considered for this post, candidates must have a B.Sc in Agriculture or B.Sc Honors in Agriculture or have completed their Senior Secondary Examination (10th & 12th class) with specialization in Agriculture from a recognized Board/Institute or University.
Rajasthan Agriculture Supervisor Recruitment 2023
The Rajasthan Finance Department has approved the recruitment of new Rajasthan Agriculture Supervisors for, a total of 430 posts. There will be 385 NON-TSP Posts and 45 TSP Posts among these. The Rajasthan Agriculture Department will now forward the application to the Staff Selection Board.
राजस्थान वित्त विभाग ने कुल 430 पदों पर नए राजस्थान कृषि पर्यवेक्षकों की भर्ती को मंजूरी दी है। इनमें 385 गैर-टीएसपी पद और 45 टीएसपी पद होंगे। राजस्थान कृषि विभाग अब जल्द ही आवेदन को कर्मचारी चयन बोर्ड को भेजेगा।
Rajasthan Agriculture Supervisor Syllabus 2023
राजस्थान कृषि पर्यवेक्षक परीक्षा का पाठ्यक्रम उम्मीदवारों के लिए प्रभावी ढंग से परीक्षा की तैयारी करने के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है। यह परीक्षा में शामिल किए जाने वाले विषयों की स्पष्ट समझ प्रदान करता है और उम्मीदवारों को सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर अपने अध्ययन पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देता है। Download the pdf of एग्रीकल्चर सुपरवाइजर सिलेबस 2023. एग्रीकल्चर सुपरवाइजर सिलेबस PDF Download.
RSMSSB कृषि पर्यवेक्षक पाठ्यक्रम में शष्य विज्ञानं, मृदा विज्ञानं, बागवानी, पशुपालन, सामान्य हिंदी और सामान्य ज्ञान से संबंधित विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। पाठ्यक्रम को समझकर, उम्मीदवार उन क्षेत्रों की पहचान कर सकते हैं जहां उन्हें अपने ज्ञान और अभ्यास में सुधार करने की आवश्यकता है, और तदनुसार एक अध्ययन योजना तैयार कर सकते हैं।
RSMSSB Agriculture Supervisor Hindi Syllabus
भाग – I सामान्य हिंदी
- दिये गये शब्दों की संधि एवं शब्दों का संधि-विच्छेद।
- उपसर्ग एवं प्रत्यय – इनके संयोग से शब्द संरचना तथा शब्दों से उपसर्ग एवं प्रत्यय को पृथक् करना, इनकी पहचान ।
- समस्त (सामासिक) पद् की रचना करना, समस्त ( सामासिक) पद का विग्रह करना ।
- शब्द युग्मों का अर्थ भेद ।
- पर्यायवाची शब्द और विलोम शब्द ।
- शब्द शुद्धि – दिये गये अशुद्ध शब्दों को शुद्ध लिखना ।
- वाक्य शुद्धि – वर्तनी संबंधी अशुद्धियों को छोडकर वाक्य संबंधी अन्य व्याकरणिक अशुद्धियों का शुद्धिकरण ।
- वाक्यांश के लिये एक उपयुक्त शब्द ।
- पारिभाषिक शब्दावली – प्रशासन से सम्बन्धित अंग्रेजी शब्दों के समकक्ष हिन्दी शब्द | –
- मुहावरे वाक्यों में केवल सार्थक प्रयोग अपेक्षित है। –
- लोकोक्ति वाक्यों में केवल सार्थक प्रयोग अपेक्षित है।
RSMSSB Agriculture Supervisor GK Syllabus
भाग – II राजस्थान का सामान्य ज्ञान, इतिहास एवं संस्कृति
- राजस्थान की भौगोलिक संरचना – भौगोलिक विभाजन, जलवायु, प्रमुख पर्वत, नदियां, मरूस्थल एवं फसलें ।
- राजस्थान का इतिहास
- सभ्यताएं – कालीबंगा एवं आहड़
- प्रमुख व्यक्तित्व – महाराणा कुंभा, महाराणा सांगा, महाराणा प्रताप राव जोधा, राव मालदेव, महाराजा जसवंतसिंह, वीर दुर्गादास, जयपुर के महाराजा मानसिंह – प्रथम, सवाई जयसिंह, बीकानेर के महाराजा गंगासिंह इत्यादि ।
- राजस्थान के प्रमुख साहित्यकार, लोक कलाकार, संगीतकार, गायक कलाकार, खेल एवं खिलाडी इत्यादि ।
- भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में राजस्थान का योगदान एवं राजस्थान का एकीकरण ।
- विभिन्न राजस्थानी बोलियां, कृषि, पशुपालन क्रियाओं की राजस्थानी शब्दावली ।
- कृषि, पशुपालन एवं व्यावसायिक शब्दावली ।
- लोक देवी – देवता – प्रमुख संत एवं सम्प्रदाय ।
- प्रमुख लोक पर्व, त्योहार, मेले – पशुमेले ।
- राजस्थानी लोक कथा, लोक गीत एवं नृत्य, मुहावरे, कहावतें, फड, लोक नाट्य, लोक वाद्य एवं कठपुतली कला ।
- विभिन्न जातियां जन जातियां ।
- स्त्री- पुरूषों के वस्त्र एवं आभूषण ।
- चित्रकारी एवं हस्तशिल्पकला चित्रकला की विभिन्न शैलियां, भित्ति चित्र, प्रस्तर शिल्प, काष्ठ कला, – मृदमाण्ड (मिट्टी) कला, उस्ता कला, हस्त औजार, नमदे-गलीचे आदि
- स्थापत्य दुर्ग, महल, हवेलियां, छतरियां, बावडियां तालाब मंदिर-मस्जिद आदि ।
- संस्कार एवं रीति रिवाज । ।
- धार्मिक, ऐतिहासिक एवं पर्यटन स्थल
RSMSSB Agriculture Supervisor Agronomy Syllabus
भाग- III शस्य विज्ञान
- राजस्थान की भौगोलिक स्थिति, कृषि एवं कृषि सांख्यिकी का सामान्य ज्ञान राज्य में कृषि, उद्यानिकी एवं पशुधन का परिदृश्य एवं महत्व। राजस्थान की कृषि एवं उद्यानिकी उत्पादन में मुख्य बाधाऐं । राजस्थान के जलवायुवीय खण्ड, मृदा उर्वरता एवं उत्पादकता क्षारीय एवं उसर भूमियां, अम्लीय भूमि एवं इनका प्रबन्धन |
- राजस्थान में मृदाओं का प्रकार, मृदा क्षरण, जल एवं मृदा संरक्षण के तरीके, पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्व उपलब्धता एवं स्त्रोत, राजस्थानी भाषा में परम्परागत शस्य क्रियाओं की शब्दावली जीवांश खादों का महत्व, प्रकार एवं बनाने की विधियां तथा नत्रजन, फास्फोरस, पोटेशियम उर्वरक, एकल मिश्रित एवं योगिक उर्वरक एवं उनके प्रयोग की विधियां फसलोत्पादन में सिंचाई का महत्व, सिंचाई के स्त्रोत, फसलों की जल मांग एवं प्रभावित करने वाले कारक सिंचाई की विधियां विशेषतः फव्वारा, बून्द – बून्द रेनगन – आदि । सिंचाई की आवश्यकता, समय एवं मात्रा जल निकास एवं इसका महत्व, जल निकास की विधियां । राजस्थान के संदर्भ में परम्परागत सिंचाई से संबंधित शब्दावली मृदा परीक्षण एवं समस्याग्रस्त मृदाओं का सुधार। साईजेल, हे मेकिंग, चारा संरक्षण ।
- खरपतवार – विशेषताऐं, वर्गीकरण, खरपतवारों से नुकसान, खरपतवार नियंत्रण की विधियां, राजस्थान की मुख्य फसलों में खरपतवारनाशी रसायनों से खरपतवार नियंत्रण खरतपवारों की राजस्थानी भाषा में शब्दावली ।
- निम्न मुख्य फसलो के लिए जलवायु, मृदा, खेत की तैयारी, किस्में, बीज उपचार, बीज दर बुवाई समय, उर्वरक, सिंचाई, अन्तराशस्यन, पौध संरक्षण, कटाई- मढाई, भण्डारण एवं फसल चक्र की जानकारी अनाज वाली फसले मक्का, ज्वार, बाजरा, धान, गेहूं एवं जौ। तिलहनी फसले – मूंगफली, तिल, सोयाबीन, सरसों, अलसी, अरण्डी, सूरजमुखी एवं तारामीरा ।
- दाले मूंग, चॅवला, मसूर, उडद, मोठ, चना एवं मटर । –
- रेशेदार फसले कपास ।
- चारे वाली फसले बरसीम रिजका एवं जई। मसाले वाली फसले सौंफ, मैथी, जीरा एवं धनिया ।
- नकदी फसले ग्वार एवं गन्ना ।
- उत्तम बीज के गुण, बीज अंकुरण एवं इसको प्रभावित करने वाले कारक, बीज वर्गीकरण, मूल केन्द्रक बीज, प्रजनक बीज, आधार बीज, प्रमाणित बीज।
- शुष्क खेती – महत्व, शुष्क खेती की तकनीकी मिश्रित फसल, इसके प्रकार एवं महत्व। फसल चक्र महत्व एवं सिद्धान्त। राजस्थान के संदर्भ में कृषि विभाग की महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी अनाज एवं बीज का भण्डारण ।
RSMSSB Agriculture Supervisor Horticulture Syllabus
भाग – IV: उद्यानिकी
- उद्यानिकी फलों एवं सब्जियों का महत्व, वर्तमान स्थिति एवं भविष्य फलदार पौधों की नर्सरी प्रबन्धन। पादप प्रवर्धन, पौध रोपण फलोद्यान के स्थान का चुनाव एवं योजना उद्यान लगाने की विभिन्न रेखांकन विधियां । पाला, लू एवं अफलन जैसी मौसम की विपरीत परिस्थितियां एवं इनका समाधान। फलोद्यान में विभिन्न पादप वृद्धि नियंत्रकों का प्रयोग सब्जी उत्पादन की विधियां एवं सब्जी उत्पादन में नर्सरी प्रबन्धन ।
- राजस्थान में जलवायु, मृदा, उन्नत किस्में, प्रवर्धन विधियां, जीवांश खाद व उर्वरक, सिंचाई, कटाई, उपज, प्रमुख कीट एवं बीमारियां एवं इनका नियंत्रण सहित निम्न उद्यानिकी फसलों की जानकारी – आम, नीम्बू वर्गीय फल, अमरूद, अनार, पपीता, बेर, खजूर, आंवला, अंगूर, लहसूवा, बील, टमाटर, प्याज, फूल गोभी, पत्ता गोभी, भिण्डी, कद्दू वर्गीय सब्जियां, बैंगन, मिर्च, लहसून, मटर, गाजर, मूली, पालक । फल एवं सब्जी परीरक्षण का महत्व, वर्तमान स्थिति एवं भविष्य फल परीरक्षण के सिद्धान्त एवं विधियां डिब्बाबन्दी, सुखाना एवं निर्जलीकरण की तकनीक व राजस्थान में इनकी परम्परागत विधियां । फलपाक (जैम), अवलेह (जेली), केन्डी, शर्बत, पानक (स्क्वेश) आदि को बनाने की विधियां ।
- औषधीय पौधों व फूलों की खेती का राजस्थान के संदर्भ में सामान्य ज्ञान राजस्थान के संदर्भ में उद्यान विभाग की महत्वपूर्ण योजनाएं ।
RSMSSB Agriculture Supervisor Animal Husbandry Syllabus
भाग – V: पशुपालन
- पशुपालन का कृषि में महत्व पशुधन का दूध उत्पादन में महत्व एवं प्रबन्धन निम्न पशुधन नस्लो की विशेषताऐं, उपयोगिता व उत्पति स्थान का सामान्य ज्ञान :- गाय – गीर, थारपारकर, नागौरी, राठी, जर्सी, होलिस्टन फ्रिजीयन, भालवी, हरियाणा, मेवाती । भैंस मुर्रा, सूरती, नीली रावी, भदावरी जाफरवादी, मेहसाना।
- बकरी – जमनापारी, बारबरी, बीटल, टोगनबर्ग ।
- भेड़ – मारवाडी, चोकला, मालपुरा, मेरीनो, कराकुल, जैसलमेरी, अविवस्त्र, अविकालीन । ऊंट प्रबन्धन, पशुओं की आयु गणना।
- सामान्य पशु औषधियों के प्रकार, उपयोग, मात्रा तथा दवाईयां देने का तरीका । जीवाणुरोधक – फिनाईल, कार्बोलिक एसिड, पोटेशियम परमेगनेट (लाल दवा), लाईसोल
- विरेचक – मेगनेशियम सल्फेट (मैकसल्फ), अरण्डी का तेल ।
- उत्तेजक – एल्कोहल, कपूर।
- कृमिनाशक – नीला थोथा, फिनोविस ।
- मर्दन तेल- तारपीन का तेल।
- राजस्थान के पशुओं की मुख्य बीमारियों के कारक लक्षण तथा उपचार – पशु-प्लेग, खुरपका-मुंहपका, लगड़ी, एन्थ्रेक्स, गलघोटू थनेला रोग, दुग्ध बुखार, रानीखेत, मुर्गियों की चेचक, मुर्गियों की खूनीपेचिस ।
- दुग्ध उत्पादन, दुग्ध एवं खीस संघटन, स्वच्छ दुग्ध उत्पादन, दुग्ध परिरक्षण, दुग्ध परीक्षण एवं गुणवत्ता । दुग्ध में वसा को ज्ञात करना, आपेक्षित घनत्व, अम्लता तथा क्रीम पृथक्करण की विधि तथा यंत्रों की आवश्यकता एवं दही, पनीर व घी बनाने की विधि । दुग्धशाला के बरतनों की सफाई एवं जीवाणु रहित करना। राजस्थान के संदर्भ में पशुपालन क्रियाओं एवं गतिविधियों से संबंधित शब्दावली ।
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RSMSSB Agriculture Supervisor Exam Pattern
क्रमांक
विषय
कुल प्रश्न
कुल अंक
1
सामान्य हिंदी
15
45
2
सामान्य ज्ञान (राजस्थान का इतिहास, कला-संस्कृति और भूगोल)
25
75
3
शस्य विज्ञान
20
60
4
उद्यान विज्ञान
20
60
5
पशुपालन
20
60
कुल
100
300
क्रमांक | विषय | कुल प्रश्न | कुल अंक |
1 | सामान्य हिंदी | 15 | 45 |
2 | सामान्य ज्ञान (राजस्थान का इतिहास, कला-संस्कृति और भूगोल) | 25 | 75 |
3 | शस्य विज्ञान | 20 | 60 |
4 | उद्यान विज्ञान | 20 | 60 |
5 | पशुपालन | 20 | 60 |
कुल | 100 | 300 |
Preparation Strategy for RSMSSB Agriculture Supervisor
RSMSSB कृषि पर्यवेक्षक 2023 परीक्षा की तैयारी के लिए यहां कुछ रणनीतियां दी गई हैं जो आपको परीक्षा के लिए प्रभावी ढंग से तैयार करने में मदद कर सकती हैं:
- सिलेबस को समझें: परीक्षा के सिलेबस से खुद को परिचित करें और उन विषयों को समझें जो कवर किए जाएंगे।
- एक अध्ययन योजना बनाएं: एक बार जब आप पाठ्यक्रम को समझ जाते हैं, तो एक अध्ययन योजना बनाएं जो आपकी सीखने की शैली और कार्यक्रम के अनुरूप हो।
- पिछले वर्ष के प्रश्नपत्रों के साथ अभ्यास करें: यह आपको अपनी तैयारी के स्तर को मापने और उन क्षेत्रों की पहचान करने में भी मदद करता है।
- मूल बातों पर ध्यान दें: RSMSSB कृषि पर्यवेक्षक 2023 परीक्षा में विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है, लेकिन यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि यह मूल बातों की आपकी समझ पर आधारित है।
- समय प्रबंधन: किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के लिए समय प्रबंधन महत्वपूर्ण है। सुनिश्चित करें कि आप अपनी तैयारी के दौरान अपने समय का प्रबंधन करने का अभ्यास करें।
याद रखें, RSMSSB कृषि पर्यवेक्षक 2023 परीक्षा में सफलता की कुंजी समय-समय पर लगातार और समर्पित प्रयास है।
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