SKNAU कृषि पर्यवेक्षक Syllabus 2023

SKNAU Agriculture Supervisor

SKANU Recruitment 2023

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SKNAU Agriculture Supervisor Syllabus

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सामान्य हिंदी

1. दिये गये शब्दों की संधि एवं शब्दों का संधि-विच्छेद ।
2. उपसर्ग एवं प्रत्तय- इनके संयोग से शब्द संरचना तथा शब्दों से उपसर्ग एवं प्रत्यय को पृथक करना एवं इनकी पहचान |
3. समस्त (सामासिक) पद की रचना करना, समस्त (समासिक) पद का विग्रह करना ।
4. शब्द युग्मों का अर्थ भेद ।
5. पर्यायवाची शब्द और विलोम शब्द |
6. शब्द शुद्धि- दिये गये अशुद्ध शब्दों को शुद्ध लिखना ।
7. वाक्य शुद्धि- वर्तनी संबंधी अशुद्धियों को छोडकर वाक्य संबंधी अन्य व्याकरणिक अशुद्धियों का शुद्धिकरण ।
8. वाक्यांश के लिए एक उपयुक्त शब्द |
9. पारिभाषिक शब्दावली – प्रशासन से संबधित अंग्रेजी शब्दों के समक्ष हिन्दी शब्द |
10. मुहावरे- वाक्यों में केवल सार्थक प्रयोग अपेक्षित है।
11. लोकोक्ति – वाक्यों में केवल सार्थक प्रयोग अपेक्षित है।

राजस्थान का सामान्य ज्ञान, इतिहास एवं संस्कृति

1. राजस्थान की भौगोलिक संरचना फसलें । भौगोलिक विभाजन, जलवायु, प्रमुख पर्वत, नदियाँ, मरुस्थल एवं
2. राजस्थान का इतिहास सभ्यताऐं -कालीबंगा एवं आहड
प्रमुख व्यक्तित्व महाराणा कुम्भा, महाराणा प्रताप, महाराणा सांगा, राव जोधा, राव मालदेव महाराजा जसवंतसिंह, वीर दुर्गादास, जयपुर के महाराजा मानसिंह – प्रथम, सवाई जयसिंह, बीकानेर के महाराजा गंगासिंह, इत्यादि ।
राजस्थान के प्रमुख साहित्यकार लोक कलाकार, संगीतकार, गायक कलाकार, खेल एवं खिलाडी, इत्यादि ।
3. भारतीय स्वंतत्रता संग्राम मे राजस्थान का योगदान एवं राजस्थान का एकीकरण । 4. विभिन्न राजस्थानी बोलियाँ, कृषि पशुपालन क्रियाओं की राजस्थानी शब्दावली ।
5. कृषि पशुपालन एवं व्यावसायिक शब्दावली ।
6. लोक देवी देवता – प्रमुख संत एवं सम्प्रदाय ।
7. प्रमुख लोक पर्व त्योहार मेले- पशु मेले ।
8. राजस्थानी लोक कथा, लोक गीत एवं नृत्य, मुहावरे, कहावतें, फड, लोक नाट्य, लोक वाद्य एवं कठपुतली कला ।
9. विभिन्न जातियाँ – जन जातियाँ ।
10. स्त्री पुरुषों के वस्त्र एवं आभूषण ।
11. चित्रकारी एवं हस्तशिल्प कला चित्रकला की विभिन्न शैलियां, भित्ति चित्र, प्रस्तर शिल्प, काष्ठ कलां मृदमाण्ड (मिट्टी) कला, उस्ता कला, हस्त औजार नमदे – गलीचे आदि ।
12. स्थापत्य दुर्ग, महल, हवेलियां, छतरियां, बावडियां, तालाब मंदिर-मस्जिद, आदि ।
13. संस्कार एवं रीति रिवाज ।
14. धार्मिक, ऐतिहासिक एवं पर्यटन स्थल ।

शस्य विज्ञान

राजस्थान की भौगोलिक स्थिति, कृषि एवं कृषि सांख्यिकी का सामान्य ज्ञान राज्य में कृषि उद्यानिकी एवं पशुधन का परिदृश्य एवं महत्व राजस्थान की कृषि एवं उद्यानिकी उत्पादन मे मुख्य बाधाऐं राजस्थान के जलवायुवीय खण्ड, मृदा उर्वरता एवं उत्पादकता क्षारीय एवं उसर भूमियों, अम्लीय भूमि एवं इनका प्रबन्धन ।

राजस्थान में मृदाओं का प्रकार, मृदा क्षरण एवं मृदा संरक्षण के तरीके, पौधों के लिए आवश्यक पौषक तत्व उपलब्धता एवं स्रोत, राजस्थानी भाषा मे परम्परागत शस्य क्रियाओं की शब्दावली जीवाशं खादों का महत्व, प्रकार एवं बनाने की विधियाँ तथा नत्रजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम उर्वरक, एकल मिश्रित एवं योगिक उर्वरक एवं उनके की विधियाँ फसलोत्पादन में सिंचाई का महत्व, सिंचाई के स्रोत, फसलों की जल मांग एवं प्रभावित करने वाले कारक सिंचाई की विधियाँ विशेषतः फव्वारा, बूँद बूँद रेनगन, आदि। सिंचाई की आवश्यकता, समय एवं मात्रा जल निकास एवं इसका महत्व, जल निकास की विधियाँ राजस्थान के संदर्भ में परम्परागत सिंचाई से संबंधित शब्दावली मृदा परीक्षण एवं समस्याग्रस्त मृदाओं का सुधार । साईलेज हे मेकिंग |

खरपतवार – विशेषताऐं, वर्गीकरण, खरपतवारों से नुकसान, खरपतवार नियंत्रण की विधियों, राजस्थान की मुख्य फसलों में खरपतवारनाशी रसायनों से खरपतवार नियंत्रण खरपतवार की राजस्थानी भाषा में शब्दावली ।

निम्न मुख्य फसलों के लिए जलवायु मृदा, खेत की तैयारी, किस्में, बीज उपचार, बीज दर, बुवाई समय, उर्वरक, सिंचाई, अन्तरशस्य, पौध संरक्षण, कटाई- मढाई, भण्डारण एवं फसल चक्र की जानकारी । अनाज वाली फसलें- मक्का, ज्वार, बाजरा, धान, गेहूँ एवं जी दालें- मूंग, चंवला, मसूर, उडद, मोठ, चना एवं मटर ।

तिलहन फसलें- मूंगफली, तिल, सोयाबीन, सरसों, अलसी, अरण्डी, सुरजमुखी एवं तारामीरा।

रेशेदार फसलें कपास

चारे वाली फसलें बरसीम, रिंजका एवं जई । मसाले वाली फसलें सौंफ, मैथी, जीरा, एवं धनियाँ। –

नकदी फसलें- ग्वार एवं गन्ना

उत्तम बीज के गुण, बीज अंकुरण एवं इसको प्रभावित करने वाले कारक, बीज वर्गीकरण, मूल केन्द्रक बीज, प्रजनक बीज, आधार बीज एवं प्रमाणित बीज ।

शुष्क खेती – महत्व, शुष्क खेती की तकनीक मिश्रित फसल, इसके प्रकार एवं महत्व। फसल चक्र – महत्व एवं सिद्वान्त | राजस्थान के संदर्भ मे कृषि विभाग की महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी अनाज एवं बीज का भण्डारण ।

उद्यानिकी

उद्यानिकी फलों एवं सब्जियों का महत्व, वर्तमान स्थिति एवं भविष्य । फलदार पौधों का नर्सरी प्रबन्धन | पादप प्रवर्धन, पौध रोपण। फलोद्यान के स्थान का चुनाव एवं योजना । उद्यान का रेखांकन एवं उद्यान लगाने की विभिन्न विधियाँ पाला, लू एवं ओलावृष्टि जैसी मौसम की विपरीत परिस्थितियाँ एवं इनका समाधान। फलोद्यानों मे अफलन की समस्या एवं समाधान । फलोद्यान में विभिन्न मादप वृद्धि नियंत्रकों का प्रयोग। सब्जी उत्पादन की विधियां एवं सब्जी उत्पादन में नर्सरी प्रबन्धन । राजस्थान मे जलवायु, मृदा उन्नत किस्मे, प्रर्वधन विधियां जीवांश खाद व उर्वरक, सिचाई, कटाई, उपज, प्रमुख कीट वं बीमारियां एवं इनका नियंत्रण सहित निम्न उद्यानिकी फसलों की जानकारी – आम, नीबूवर्गीय फल, अमरुद, अनार, पपीता, बेर, खजूर, ऑवला, अंगूर, लहसूवा, बील, टमाटर, प्याज, फूल गोभी, पत्ता गोभी, भिण्डी, कद्दू वर्गीय सब्जियॉ, बैंगन, मिर्च, लहसुन, मटर, गाजर, मूली, पालक । फल एवं सब्जी परीक्षण का महत्व, वर्तमान स्थिति एवं भविष्य फल परीक्षण के सिद्धान्त एवं विधियाँ। डिब्बा बंदी, सुखाना एवं निर्जलीकरण की तकनीक व राजस्थान में इनकी परम्परागत विधियाँ। फलपाक (जैम), अवलेह (जेली) केन्डी, शर्बत, पानक ( स्कवेश) आदि को बनाने की विधियाँ ।

औषधीय पौधे व फूलों की खेती का राजस्थान के संदर्भ में सामान्य ज्ञान । राजस्थान के संदर्भ मे उद्यान विभाग की महत्वपूर्ण योजनाऐं ।

पशुपालन

पशुपालन का कृषि में महत्व | पशुधन का दूध उत्पादन में महत्व एवं प्रबन्धन |

निम्न पशुधन नस्लों की विशेषताऐं, उपयोगिता व उत्पति स्थान का सामान्य ज्ञान ।

गाय: गीर, साहीवाल, लाल सिंधि, थारपारकर, नागौरी राठी, हरियाणा मेवाती, जर्सी, होलिस्टन फ्रिजियन ।

भैंस: मूर्रा, सूरती, नीली रावी, भदावरी जाफराबादी, मेहसाना ।

बकरी: जमनापारी, बारबरी, बीटल, सिरोही, टोगनर्बग । –

भेड: मारवाड़ी, चोकला, मालपुरा, मेरीनो, कराकुल, जैसलमेरी, अविवस्त्र अविकालीन, सोनाडी, पुगल, नाली ।

ऊट: प्रबंधन, पशुओं की आयु गणना।

सामान्य पशु: औषधियों के प्रकार, उपयोग, मात्रा एवं दवाईयां देने का तरीका ।

जीवाणु रोधक: फिनाईल, कार्बोनिक एसिड, पोटेशियम परमेगनेट (लाल दवा) लाईसोल । विरेचक मैगनेशियम सल्फेट (मैकसल्फ), अरण्डी का तेल ।

उत्तेजक: एल्कोहल, कपूर ।

कृमिनाशक: नीला थोथा, फिनोविस ।

मर्दन तेल: तारपीन का तेल ।

राजस्थान के पशुओं की मुख्य बीमारियों के कारक लक्षण तथा उपचार पशु प्लेग, खुरपका मुहंपका, एन्थ्रेक्स, गलघोटू थनेला रोग, दुग्ध बुखार, ब्लेक क्वार्टर, रानीखेत, मुर्गियों की चेचक ।

दुग्ध उत्पादन, दुग्ध एवं खीस का संघटन स्वच्छ दुग्ध उत्पादन, दुग्ध प्रसंस्करण एवं गुणवत्ता । दुग्ध में वसा को ज्ञात करना, आपेक्षिक घनत्व, अम्लता तथा क्रीम पृथककरण की विधि तथा यत्रों की आवश्यकता एवं दही, पनीर एवं घी बनाने कि विधि । दुग्धशाला में बर्तनों की सफाई एवं जीवाणु रहित करना । राजस्थान के संबंध मे पशुपालन क्रियाओं एवं गतिविधियों से संबधित शब्दावली ।

 

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